Welcome Bharatiya Bhasha Parishad
भारतीय भाषा परिषद
देश की अग्रणी साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था
स्थापित : 1975
36 ए शेक्सपियर सरणी, कोलकाता- 700017
ईमेल : bbparishad36a@gmail.com
फोन : 033-22879962, 9903508796
भारतीय भाषा परिषद कोलकाता में भारतीय भाषाओं की साहित्यिक विरासत को समृद्ध करने के उद्देश्य से 1975 में स्थापित हुई थी। यह अपने भवन 36ए, शेक्सपियर सरणी, कोलकाता 700017 में 1979 में स्थानांतरित हुई। इसके संस्थापकों में प्रमुख थे सीताराम सेकसरिया और भागीरथ कानोड़िया। इस गैर-सरकारी संस्थान ने अपनी स्थापना के समय से ही राष्ट्रीय अखंडता, बहुलतावादी संस्कृति और सभी भाषाओं के साहित्य की सृजनशीलता को प्रोत्साहित करना अपना मुख्य लक्ष्य बना रखा है। आज भारतीय भाषा परिषद देश की एक अग्रणी साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था के रूप में जानी जाती है। यह भारत की एक अनोखी संस्था है, जो आत्मनिर्भर है और विभिन्न दिशाओं में सक्रिय रहते हुए हिंदी के विकास के साथ भारतीय भाषाओं के बीच संवाद के लिए लगातार सक्रिय है। निजी क्षेत्र से साहित्यिक कार्यों के लिए ऐसी व्यवस्था और साल भर नियमित गतिविधियाँ फिलहाल अन्यत्र कहीं नहीं है। परिषद के संस्थापकों ने अपनी दूरदर्शिता से इस संस्था को स्वावलंबी बनाया है।
समृद्ध पुस्तकालय
भारतीय भाषा परिषद का लगभग 20,000 पुस्तकों से संपन्न भागीरथ कानोड़िया ग्रंथालय है, जो कार्यदिवस पर सवेरे 11 बजे से संध्या 6 बजे तक खुला रहता है।
पुस्तकालय की सभी पुस्तकें कंप्यूटर पर आगणित हैं और सदस्य मुक्त रूप से पुस्तक चयन कर सकते हैं।
ग्रंथालय के पाठकों को पुस्तकों के अलावा महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाएँ भी पढ़ने के लिए सुलभ हैं। यहाँ हंस, कथादेश, नया ज्ञानोदय, वागर्थ, परिकथा, आलोचना, अंतिम जन, गांधी मार्ग, आउटलुक, इंडिया टुडे, फ्रंटलाइन आदि पत्रिकाओं के अलावा कोलकाता से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र उपलब्ध रहते हैं।
भागीरथ कानोड़िया ग्रंथालय में विशिष्ट साहित्यिक कृतियों के अलावा कॉलेज और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के उपयोग के लिए बड़ी संख्या में पुस्तकें हैं। इसमें बांग्ला और अंग्रेजी के अलावा कई अन्य भारतीय भाषाओं की महत्वपूर्ण पुस्तकें भी उपलब्ध हैं। ग्रंथालय में एम.पी. बिड़ला फाउंडेशन ग्रंथालय के दुर्लभ ग्रंथों को भी पाठकों के लिए सुलभ बनाया गया है। यहाँ कई इनसाइक्लोपीडिया उपलब्ध हैं और शोध के लिए प्रचुर सामग्री है। कॉलेज और विश्वविद्यालय के विद्यार्थी नियमित रूप से इस ग्रंथालय का उपयोग करते हैं और लाभान्वित होते हैं। हमारा निरंतर प्रयत्न है कि पुस्तकालय और वाचनालय अध्ययन, अनुसंधान और सहचिंतन का एक प्रमुख केंद्र बने।
विशेष जानकारी : 6289728700
पुस्तक केंद्र
भारतीय भाषा परिषद 2007 से पुस्तक केंद्र का संचालन कर रही है। जहाँ आम पाठकों को चुनी हुई पुस्तकें सस्ते मूल्य पर उपलब्ध होती हैं। पुस्तक केंद्र में हिंदी और हिंदी में अनूदित श्रेष्ठ साहित्यिक कृतियाँ विक्रय के लिए रखी जाती हैं। इसके अलावा यहाँ प्रमुख साहित्यिक पत्रिकाएँ भी खरीदने के लिए उपलब्ध हैं।
प्रमुख प्रकाशन
भारतीय भाषा परिषद सभी हिंदीतर भारतीय भाषाओं की प्रमुख रचनाओं का चयन हिंदी में प्रकाशित कर सांस्कृतिक सेतुबंधन का कार्य करती है। इसके कुछ प्रमुख प्रकाशन हैं-
1. संस्कृत वाङमय कोष (4 भाग) : श्रीधर भास्कर वर्णेकर (सं.)
2. भारतीय उपन्यास कथासार (2 भाग) : प्रभाकर माचवे (सं.)
3. गीत-गोविंद (जयदेव) : कपिला वात्स्यायन (सं.)
4. श्रेष्ठ ललित निबंध (2 भाग) : कृष्ण बिहारी मिश्र, बालशौरि रेड्डी (सं.)
5. श्रेष्ठ बाल कहानियाँ : बालशौरि रेड्डी (सं.)
6. विश्व की श्रेष्ठ कहानियाँ (2 भाग) : प्रभाकर श्रोत्रिय
7. श्रेष्ठ भारतीय एकांकी (2 भाग) : प्रभाकर श्रोत्रिय
8. भारतीय श्रेष्ठ कहानियाँ (2 भाग) : सन्हैयालाल ओझा (सं.)
9. नेपाली साहित्य : कमला सांकृत्यायन
10. वचनोद्यान : सिद्धय्य पुराणिक
11. राजा की भेरी (मलयालम) : शाण्डिल्यन
12. हिंदी गद्य मधुसंचय : परमानंद श्रीवास्तव (सं.)
13. भक्ति तत्व दर्शन-साहित्य-कला : कल्याणमय लोढ़ा, जयकिशनदास सादानी (सं)
14. विश्वंभरा : सी. नारायण रेड्डी (सं)
15. नवलेखन के रंग : एकांत श्रीवास्तव- कुसुम खेमानी (सं.)
16. जवाहर भाई : राय कृष्णदास
17. हिंदी साहित्य ज्ञानकोश (7 खंड-2660 प्रविष्टियां-4,550 पृष्ठ)
हिंदी की सांस्कृतिक गरिमा का उद्घोष
हिंदी साहित्य ज्ञानकोश
7 खंड - 2660 प्रविष्टियाँ – 4,650 पृष्ठ
प्रधान संपादक : शंभुनाथ संयोजक : कुसुम खेमानी
संपादक मंडल : राधाबल्लभ त्रिपाठी, जवरीमल्ल पारख, अवधेश प्रधान, अवधेश कुमार सिंह, अवधेश प्रसाद सिंह
भाषा संपादक : राजकिशोर
प्रमुख वितरक : वाणी प्रकाशन मो. 9643331304
हिंदी की लोकप्रिय साहित्यिक पत्रिका
भारतीय भाषा परिषद की मासिक पत्रिका वागर्थ हिंदी की सर्वश्रेष्ठ पत्रिकाओं में एक है। इसका प्रकाशन 1995 से नियमित रूप से हो रहा है। अगस्त 2024 तक इसके 345 अंक प्रकाशित हो चुके हैं। यह पत्रिका विभिन्न साहित्यिक विधाओं की उत्कृष्ट रचनाएं प्रकाशित करती हैं। यह हिंदी के वरिष्ठ लेखकों के अलावा नई पीढ़ी के लेखकों की भी अपनी पत्रिका है। वागर्थ पत्रिका देश के विभिन्न शहरों में 60 से अधिक बुक स्टालों पर जाती है। इसके वार्षिक ग्राहकों की संख्या करीब 1 हजार है।
विशेष जानकारी : 7449503734 ईमेल : vagarth.hindi@gmail.com
साहित्यिक - सांस्कृतिक विषयों, व्याख्यान, कला-प्रदर्शन
भारतीय भाषा परिषद देश की अग्रणी संस्थाओं- साहित्य अकादमी, नेशनल बुक ट्रस्ट, राजा राममोहन राय फाउण्डेशन, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं दूर संचार विश्वविद्यालय, भोपाल, केंद्रीय हिंदी निदेशालय आदि के सहयोग से राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित करती रही है।
यह स्वतंत्र रूप से वर्ष भर राष्ट्रीय संगोष्ठियाँ, व्याख्यान, कविता पाठ और संवाद के कार्यक्रम आयोजित करती है। प्रसिद्ध संगीतज्ञों और नृत्यांगनाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते रहते हैं। नाटक के साथ-साथ साहित्यिक कृतियों की ऐसी कलात्मक प्रस्तुतियाँ होती हैं जो दर्शकों का मन मोह लेती हैं। देश भर के साहित्यकार आमंत्रित किए जाते हैं। इन आयोजनों में युवाओं, विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा साहित्यकारों की बड़े पैमाने पर हिस्सेदारी होती है। नियमित अतिथि की सूची में नामांकन के लिए संपर्क करें : 8910269814
भारतीय भाषा परिषद हिंदीतर प्रदेश पश्चिम बंगाल में विशेष रूप से सक्रिय रहते हुए भी अपनी अखिल भारतीय पहचान रखती है। यह हिंदी के साथ-साथ सभी भारतीय भाषाओं के प्रति समर्पित है।
परिषद पुरस्कार
भारतीय भाषाओं की सृजनात्मकता और साहित्य साधना को सम्मानित करने के उद्देश्य से भारतीय भाषा परिषद प्रतिवर्ष देश के शीर्षस्थ रचनाकारों को ‘कर्तृत्व समग्र सम्मान’ से अलंकृत करती है। अब तक सम्मानित तथा पुरस्कृत रचनाकारों में से कुछ नाम इस प्रकार है : बादल सरकार, सीताकांत महापात्र, दिलीप चित्रे (मराठी), बलराज कोमल (उर्दू), नामवर सिंह, यू. आर. अनंतमूर्ति (कन्नड़), विनोद कुमार शुक्ल, श्याम महर्षि, गिरिराज किशोर, महापात्र नीलमणि साहू, बिंदा करंदीकर (मराठी), कृष्णा सोबती, नीलमणि फूकन, वासिरेड्डी सीता देवी (तेलुगु), सुरजीत पातर (पंजाबी), निर्मल वर्मा, जयकांतन (तमिल), नीरेन्द्रनाथ चक्रवर्ती, सुरेश दलाल, नेमिचंद्र जैन, त्रिलोचन शास्त्री, कृष्ण बलदेव वैद, ज्ञानरंजन, आर. वैरामुत्थु (तमिल), मोहिन्दर कौर गिल, रामचन्द्र बेहरा, केदारनाथ सिंह, गोपी चंद नारंग, एम.टी.वासुदेवन नायर (मलयालम), अक्कीराजू रमापति राव (तेलुगु), अरुण मार्तण्ड साधु (मराठी), इन्दिरा गोस्वामी, उदय प्रकाश, जय गोस्वामी, लक्ष्मण श्रीमाल, सितांशु यशश्चन्द्र, गीता नागभूषण (कन्नड़), चन्द्रकान्त देवताले, अशोक मित्रन(तमिल), लक्ष्मीनन्दन बोरा, मोहनजीत, काशीनाथ सिंह, शीर्षेन्दु मुखोपाध्याय, चित्रा मुद्गल, बालशौरि रेड्डी(तेलुगु), टी.पद्मनाभन (मलयालम), अरुण कमल, गुलजार, प्रभात कुमार भट्टाचार्य, विजेन्द्र, पद्मा सचदेव, रामकुमार मुखोपाध्याय, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी।
2018 में ममता दाश (ओड़िया), मालन व्ही.नारायणन (तमिल), मैत्रेयी पुष्पा (हिंदी) और सितांशु यशश्चंद्र (गुजराती)। 2019 में नगेन सैकिया (असमिया), चंद्रशेखर कम्बर (कन्नड़) और कुसुम अंसल (हिंदी)। दो वर्ष कोरोना की वजह से पुरस्कार समारोह नहीं हो सका। 2023 में भालचंद्र नेमाड़े (मराठी), एन गोपि (तेलुगु), प्रतिभा राय (उड़िया) और मधु कांकरिया (हिंदी)। 2024 में जसबीर भुल्लर (पंजाबी), एम. मुकुंदन (मलयालम), राधावल्लभ त्रिपाठी (संस्कृत) और भगवानदास मोरवाल (हिंदी) से सम्मानित किए गए।
युवा रचनाकारों को प्रेरित व प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय भाषा परिषद वर्ष 2002 से सम्भावनाशील युवा रचनाकारों को भी पुरस्कृत करती है। विभिन्न भाषाओं में अब तक परिषद के युवा पुरस्कार से पुरस्कृत युवा रचनाकार हैं- अनिश्चय चक्रवर्ती, सुुन्दरचन्द ठाकुर, शर्मिला बोहरा जालान, पारमिता शतपथी, हेमंत दिवटे, पी.राघवन, पंकज मित्र, मौसुमी कंदली, नवनीत जानी, पेडेन्टी अशोक कुमार, नीलाक्षी सिंह, यतीन्द्र मिश्र, अजमेर सिद्घू, हुलगोल नागपति, मनोज भावुक, थोडांम नेत्रजीत सिंह, जितेन्द्र श्रीवास्तव, आयेशा ख़ातून, जनाब नदीम अहमद, सुनकोजु देवेन्द्रचारी, अल्पना मिश्र, निर्मला पुतुल, मधुमीत बावा, एस. श्रीराम, नीलेश रघुवंशी, गौरीनाथ, जातुश हरिश्चन्द्र जोशी, राजे रमेश पवार, कुणाल सिंह, दिलीप कुमार स्वायीं, उदय क्षेत्री, विक्रम विसाजी, आदित्य कुमार माण्डी, अजय बुवा, बनमाली बिश्वाल, हरप्रीत कौर, हिरण्मयी मिश्रा, के. श्रीकुमार, मितुल दत्ता, मृत्युंजय महंतो, भास्कर ज्ञानदेव भोसले, प्रकाश, राहीज जानिसार अख्तर, सादिक़ा नवाब ‘सहर’, सुकराज दयाली, सुरजीत होश बदसाली, टी.श्रीवल्ली राधिका, विनोद आसुदानी, एस.वेणुगोपाल, उथरीसर कु.बासुमतारी, विद्यानन्द झा (मैथिली)। पिछले वर्ष 2013 के जिन चार लेखकों को युवा पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया, वे हैं- विमलेश त्रिपाठी (हिन्दी), दुलाराम सहारण (राजस्थानी), भारती गोरे (मराठी) एवं सुमित पी.वी. (मलयालम)। वर्ष 2014 के पुरस्कृत रचनाकार हैं- कविता राई (कन्ऩड़), मनोज कुमार पांडेय (हिंदी), भवेश भट्ट (गुजराती), रंजिता कंथुजम (मणिपुरी), आर. अभिलाष चन्द्रन (तमिल), सुजित कुमार पाण्डा (उड़िया), अताउर रहमान तारिक़ (उर्दू), मनोज कुमार झा (हिंदी), संजीव पॉल डेका (असमिया), बालसुधाकर मौलि (तेलुगु), उम्मेद धानियां (राजस्थानी) और आशुतोष (हिंदी)। 2018 में रंजन प्रधान (ओड़िया), राम मोरी (गुजराती), एम.हरिकृष्णन (तमिल), अनुज लुगुन (हिंदी) तथा 2019 में मोहम्मद ऐजाज़ (उर्दू), बंडारी राजकुमार (तेलुगु), कौशिकी दासगुप्त (बांग्ला) और शिवेंद्र (हिंदी) सम्मानित किए गए। 2023 में शेखर मल्लिक (हिंदी), वांग्थोई खुमान (मणिपुरी), एन.एस.सुमेश कृष्णन (मलयालम), ओम नागर (राजस्थानी)। 2024 में संदीप शिवाजीराव जगदाले (मराठी), गुंजन श्री (मैथिली), अरिफ राजा (कन्नड़) और सुश्री जसिंता केरकेट्टा (हिंदी)।